
✍️अजीत मिश्रा(खोजी)✍️
।।भ्रष्टाचार में लिप्त बी०डी०ओ० रुधौली विकास कार्यों में बढ़ रही अनियमितताएं।।
⭐उच्च अधिकारियों को गुमराह करने में सक्षम बी०डी०ओ० रुधौली की कार्यशैली पर सवाल।
⭐ग्राम पैड़ा, मझौवा कला प्रथम, आमबारी, मल्हवार ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना मुश्किल ।
बस्ती(यूपी )।। जनपद के रुधौली विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी भ्रष्टाचार में चर्चित हो रहे मनरेगा योजना में फर्जी हाजिरी रजिस्टर में दर्ज कर फर्जी भुगतान किया है जिससे ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में अनियमितताएं बढ़ रही हैं।
रुधौली के खण्ड विकास अधिकारी भष्ट्राचार में इस कदर डूब हुए हैं कि सरकारी कुर्सी का नाम रोशन कर रहे और फर्जी भुगतान करने में माहिर मनरेगा योजना के तहत फर्जी हाजिरी रजिस्टर में मजदूरों की संख्या अधिक दिखाई गई है, जबकि वास्तविकता में मजदूरों की संख्या कम है। इससे स्पष्ट होता है कि खंड विकास अधिकारी और उनके सहयोगी फर्जी भुगतान करने के लिए फर्जी हाजिरी रजिस्टर में दर्ज करा रहे हैं।साहब की मेहबानी से विकास खण्ड में लगभग एक दर्जन ग्राम पंचायतों में जमकर हो रहे भ्रष्टाचार ग्राम पंचायत पैड़ा, मझौवा कला प्रथम, आमबारी,मलहार,ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना नहीं लग पा रहा है वीडीओ साहब मीडिया का फोन नहीं उठाते हैं और निष्पक्ष जांच कर शायद ही कभी एकाध ग्राम पंचायत पर कार्रवाई किए होंगे।अधिकारियों को गुमराह करने में सक्षम हैं। जांच के नाम पर लीपापोती कर असली रिपोर्ट देने के बजाय फर्जी रिपोर्ट दिखाकर फैला कर नए-नए पैटर्नों का प्रयोग कर रहे हैं। इससे विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी स्पष्ट होती है।जिससे भ्रष्टाचारियों का हौसला बुलंद है।ग्रामीणों की शिकायतों एवं मीडिया टीम की द्वारा साक्ष्यांकित खबर प्रकाशित होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार करने पर आमदा है संभ्रात लोगों का कहना है कि भष्ट्र बीडीओ साहब की संलिप्तता के कारण भ्रष्टाचार बढ़ रहा है भ्रष्टाचारियों पर यदि प्रभावी कार्रवाई हो तो भष्ट्रचार कम हो लेकिन खण्ड विकास अधिकारी द्वारा प्रभावी कार्रवाई न करने कारण भ्रष्टाचार की जड़ें और भी मजबूत हो रही हैं। जनपद में यदि भ्रष्टाचार की प्रतियोगिता करायी जाए तो बीoडी०ओ० रुधौली को सम्मानित होना तय है अब देखना यह है कि उच्च अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं। क्या वे वी०डी०ओ० साहब के खिलाफ जांच करेंगे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाएंगे? या फिर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिलता रहेगा?